कोसमन्दा(चाम्पा)–कोसमन्दा में चल रहे रामकथा के छठवे दिन जयन्त प्रसंग का वर्णन करते हुवे पंडित अरुण दुबे जी कहते है कि पूरे रामचरित्र मानस में तुलसीदास जी ने दो पक्षियों का वर्णन किया है। एक जटायु दूसरी काक(जयन्त)है।इंद्र का पुत्र जयन्त काक पक्षी का रूप धरकर सीता माता की चरणों मे चोंच मार देते है, चरणों से रक्त निकलते देख प्रभु श्री राम जी तिनके को बान बना कर पक्षी की ओर निशाना लगा कर छोड़ देते है।और यह काक अपनी रक्षा हेतु तीनो लोको में घूमता है पर कही भी उनकी रक्षा नही हो पाती अंतिम में अपनी गलती का एहसास होता है और पुनः भगवान राम की शरण मे जाता है अपनी रक्षा हेतु प्राण दान चाहता है और कहता प्रभु मैने आपका प्रभाव देख चुका हूँ अब आपकी स्वाभव को जानना चाहता हुँ।
रामकथा सुनने गांव के अतिरिक्त आसपास के गांवों के लोग बड़ी संख्या में पहुँच रहे है।सातवे दिवस शनिवार को सामुहिक सुन्दरपाठ का आयोजन किया गया।रविवार लक्ष्मण शक्ति,कुम्भकर्ण वध,राम रावण युद्ध,अग्निपरीक्षा, रामराज्यभिषेक व लवकुश प्रसंग का वर्णन किया जावेगा।
