चाम्पा(कोसमन्दा)–उपरोक्त उद्गार कोसमन्दा में कश्यप परिवार के सानिध्य में चल रहे श्री मद्भागवत कथा के पाचवे दिवस वामन अवतार की कथा कहते वक्त पंडित मोरध्वज वैष्णव ने कही।

कथा में आगे कहते है कि श्री नारायण, राजा बलि के यहाँ विप्र वामन के रूप में आये तब दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने अपने तपो बल से वामन रूप में पहुँचे नारायण को पहचान लिया।राजा बलि को सतर्क करते किया,उसके बाद भी राजा बलि ने अपने गुरु का कथन नही माना जिसका अंजाम सबके सामने आ गया। कल कंस वध व रूखमणी विवाह की कथा होगी। कथा सुनने कोसमन्दा के अलावा कमरीद, बहेराडीह, सिवनी आदि गांवो के लोग रोज पहंच रहे है।कथा का समय दोपहर 3 बजे से राधे कृपा तक।

Author: Hasdev Express
Post Views: 433