जांजगीर चांपा(रिपोर्टर-हरीश राठौर) – बिना एनओसी के जांजगीर चांपा में कोयले का भंडारण करने वालों पर मेहरबान है जिम्मेदार विभाग, कोयला माफिया नियम विरूद्ध तस्करी कर शासन को पहुंचा रहे राजस्व की क्षति
कोरबा जिले के जांजगीर चांपा क्षेत्र में कोयला भण्डार के आड़ में नियमों का उल्लघंन कर बिना एनओसी के बाहरी में कोयले का अनुमति से अधिक भंडारण कर नियम विरूद्ध कोयले की तस्करी करके शासन को राजस्व की क्षति पहुंचा कोयले का काला कारोबारि मालामाल हो रहे और इधर उनके परिवहन वाहन सड़कों पर बेतरतीत ढंग से धूल डस्ट उड़ा रही है राहगीर का चलना मुश्किल हो गया है धूल डस्ट, स्लैग चूड़ी,जीरा गिट्टी कुछ चुरा कोयला का मिक्सिंग करके,प्लांटों में सप्लाई कोई नई बात नहीं है,
यहां बताते चलें कि जिले में खनिज विभाग द्वारा दर्जनों कोयला भंडारण की अनुमति प्रदान की है जो कोयले के व्यापार में लिप्त है। लेकिन इनमें से कई व्यापारियों द्वारा भंडारण के नियमों का पालन नही किया जा रहा है और संबंधित विभाग नियमों को दरकिनार कर व्यापार करने वालों पर लगाम नही कस पा रहा है। इस संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में खनिज विभाग से अनुमति प्राप्त करके कोयले का व्यापार करने वाले सभी व्यापारियों को अपना मासिक पत्रक खनिज विभाग में जमा करना होता है लेकिन एक-दो व्यापारियों को छोड़ दिया जाय तो किसी के भी द्वारा मासिक पत्रक नही जमा किया जाता है। जबकि इन व्यापारियों द्वारा काफी लम्बे समय से कोयले का व्यापार किया जा रहा है। मौजूदा समय में किस कोयला भंडारण में कितना कोयला भंडारित किया गया है इस संबंध में किसी के पास कोई जानकारी नही है। जिससे यह साबित हो रहा है खनिज विभाग की सह से बहरी अंचल में यह काला कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। सूत्रों की माने तो हर महीने कोयले की काली कमाई अधिकारियों के टेबिल में पहुंच जाती है जिसके चलते यहां खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई नही की जा रही है। हालांकि खनिज विभाग का दावा है कि बहरी क्षेत्र में जितने भी कोयला भण्डारण के लायसेंसधारी हैं वो सभी नियमों का पालन कर रहे हैं। शिकायत मिलने पर जांच भी की जाती है और नियमानुसार कार्यवाही भी होती है।
लायसेंसधारी कोयला भंडारकों द्वारा संधारित नही की जाती जानकारी
जांजगीर चांपा में कोयला भंडारित कर व्यापार करने वाले व्यापारियों के पास कोयला कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है इसकी जानकारी नही संधारित की जा रही है। संधारित हो भी कैसे जब एक नंबर का कोयला आयेगा तबतो सभी रिकार्ड मेंटेन रहेगें लेकिन यहां दो नंबर का कोयला पहुंच रहा है जिसके चलते इन व्यापारियों द्वारा किसी भी प्रकार का रिकार्ड संधारित नही किया जा रहा है।
अनुमति से ज्यादा किया जाता है भण्डारण
सूत्रों की माने तो जांजगीर चांपा में संचालित कोयला भंडारकों के यहां अनुमति से ज्यादा कोयले का भंडारण किया जा रहा है। इस बात की पुष्टी खनिज निरीक्षक के भ्रमण से हो चुकी है। खनिज अधिकारी द्वारा चांपा क्षेत्र के भंडारण में निरीक्षण किया गया था यहां क्षमता से ज्यादा कोयले का भंडारण किया गया था बावजूद इसके कार्रवाई करने से परहेज क्यों किया जा रहा है।
बिना एनओसी के होता है कोयले का काला कारोबार
जांजगीर चांपा में कोयला का व्यापार करने वाले व्यापारियों द्वारा सिर्फ खनिज विभाग से भंडारण की अनुमति लेकर मुक्त हो गए है लेकिन इनके द्वारा न तो पर्यावरण की एनओसी ली गई है और न ही अन्य विभागों से एनओसी प्राप्त की गई है बावजूद इसके पूरा कोयला यूपी ईंटा खदानों में भेज दिया जाता है। यूपी में ईंटा भट्टा ज्यादा होने के कारण कोयले की मांग ज्यादा रहती है जिसके कारण बहरी पहुंचने वाले कोयले में मिलावट करने के बाद पूरा कोयला उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भेज दिया जाता है।
क्षेत्रीय संसद को की गई है शिकायत
सांसद कार्यालय से जानकारी मिली है कि इन सब की शिकायत की बड़ी लंबी फेहरिस्त है,जिला खनिज अधिकारी से कुछ जानकारियां चाही गई संबंधित अवैधानिक भंडारको पर संतोष जनक कार्यवाही नहीं हुई तो लोक सभा सदन में प्रश्न उठेगा
कोयला भण्डारण के लायसेंस धारियों के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच खनिज निरीक्षक द्वारा की गई थी। खनिज निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन उपरांत कलेक्टर के निर्देश पर कोयला भण्डारण लाइसेंस धारी को नोटिस जारी की गई है। नोटिस के जबाब के बाद नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
श्री चेरपा, खनिज अधिकारी जांजगीर चांपा
